उत्तर प्रदेश

छुट्टा गोंवशों को गो आश्रय केन्द्रों तक भिजवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करायें जिलाधिकारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में महत्वाकांक्षी जनपदों का रूपान्तरण कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। उन्होंने रूपान्तरण कार्यक्रम के अन्तर्गत चयनित 08 महत्वाकांक्षी जनपदों-बहराईच, बलरामपुर, चन्दौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर एवं सोनभद्र की जनपदवार समीक्षा कर सम्बन्धित जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि रूपान्तरण कार्यक्रम के अन्तर्गत चयनित कतिपय जनपदों में 06 विषयगत क्षेत्रो-स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा आधारभूत अवसंरचना से सम्बन्धित जिन संकेतकों में गत माह की तुलना में गिरावट दर्ज हुई है, इनमें सुधार हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारियों को सतत् अनुश्रवण करते हुए कार्य योजना बनाकर आवश्यक कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, वहां पर जिलाधिकारी फील्ड विजिट कर जनता का फीडबैक प्राप्त करें।
उन्होंने यह भी कहा कि रैकिंग में सुधार हेतु जनपदों द्वारा स्वास्थ्य एवं पोषण क्षेत्र में सुधार हेतु जनपदों द्वारा स्वास्थ्य एवं पोषण क्षेत्र में संचालित योजनाओं को कुशलतापूर्वक लागू किया जाये। शिक्षा क्षेत्र में सुधार हेतु जनपदों में विद्यालयों में बालिकाओं के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था, शौचालय, पीने के पानी एवं विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। कृषि एवं जल संसाधन क्षेत्र में सुधार हेतु किसानों को जरूरी कृषि निवेशों यथा उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक दवाओं इत्यादि की उपलब्धता सुलभ करायी जाये। वित्तीय समावेशन के अन्तर्गत लाभार्थियों को अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, सूक्ष्म एवं लघु उद्यम हेतु मुद्रा लोन, जनधन योजना में खाता खोला जाना, बैंक खातों को आधार से जोड़ा जाना सुविधाएं सुलभ करायी जायें। कौशल विकास के अन्तर्गत युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, रोजगार, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अन्तर्गत कमजोर एवं हाशिये वाले युवाओं को अल्प एवं दीर्घकालीन प्रशिक्षण प्रदान किया जाये। आधारभूत अवसंरचना क्षेत्र में व्यक्तिगत शौचालय, पेयजल, विद्युत संयोजन, ग्राम पंचायत स्तर पर इन्टरनेट कनेक्शन तथा कॉमन सर्विस सेन्टर, पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत सर्वऋतु मार्ग, आवास आदि सुविधाएं उपलब्ध करायी जायें क्योंकि यह सभी कार्य ग्रामीण जनता की सुविधा से सीधे जुड़े हुए हैं।
उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि कतिपय जनपदों से छुट्टा पशुओं की शिकायतें आ रही हैं, जिससे किसान भाईयों को परेशानी हो रही है। उन्होंने निर्देश दिये कि 01 जनवरी से 10 जनवरी तक अभियान चलाकर छुट्टा गोवंशों को गो आश्रय केन्द्रों में भेजने की व्यवस्था की जाये तथा सहभागिता योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों की संख्या बढ़ाई जाये। उन्होंने छुट्टा गोवंशों को आश्रय केन्द्रों तक पहुंचाकर ग्राम पंचायतों को छुट्टा गोवंशों से मुक्त कराने के लिए ग्राम प्रधानों एवं ब्लॉक प्रमुखों में प्रतिस्पर्धा कराने का सुझाव दिया तथा इस में अच्छा कार्य करने वाले ग्राम प्रधानों एवं ब्लॉक प्रमुखों को पुरस्कृत भी किया जाये। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि वह स्वयं गो आश्रय केन्द्रों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखें तथा केन्द्रों में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रहे। भूसा, चारा, पानी, शेड के साथ-साथ ठण्ड से बचाव व इलाज आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित रहे।

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