लखनऊ। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति विनय पाठक पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच एसटीएफ ने तेज कर दी है। एकेटीयू में विनय पाठक के कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों का ब्यौरा एसटीएफ ने जुटा लिया है। एसटीएफ ने एकेटीयू से दो बार पत्र भेजकर पाठक के कार्यकाल में किए गए कार्यों से संबंधित दस्तावेज मांगे थे। बुधवार को एकेटीयू ने एसटीएफ को सारे दस्तावेज सौंप दिए।
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पाठक के कार्यकाल के दौरान एकेटीयू में तैनात रहे पदाधिकारियों की सूची तैयार की है। सभी पदाधिकारियों को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। एकेटीयू में विभिन्न कार्यों के नाम पर जिन जिन बैंक खातों में रकम स्थानांतरित की गई है उनका ब्यौरा भी निकलवाया जा रहा है। उधर पाठक की ओर से अभी तक एसटीएफ की नोटिस का कोई जवाब नहीं आया है। यही नहीं, ईमेल के जरिए भी कोई प्रतिक्रिया नहीं भेजी गई है।
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पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है, इसको लेकर एसटीएफ को विस्तृत जानकारी नहीं मिली है। दूसरी ओर, पाठक के करीबी अजय मिश्रा के प्रिंटिंग प्रेस में छापे के दौरान बरामद हुए दस्तावेज से एसटीएफ को अहम सुराग मिले हैं। जिन जिन विश्वविद्यालयों के गोपनीय दस्तावेज प्रिंटिंग प्रेस में छप रहे थे उनसे राष्ट्रीय पत्राचार करेगी। प्रिंटिंग प्रेस से एसटीएफ को फर्जी बिल भी मिले हैं जो फर्जीवाड़े की पुष्टि कर रहे हैं।
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डाक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में कुलपति रहे विनय पाठक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। इसकी एफआइआर इंदिरा नगर थाने में दर्ज कराई गई थी। एसटीएफ अभी तक पाठक के करीबी अजय मिश्र और अजय जैन को गिरफ्तार कर चुकी है।
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